क्रिकेट में, रन बनाने के कई तरीके हैं। मूलभूत तौर पे बल्ले से गेंद को मारकर रन बनाया जा सकता है। हालाँकि, इसके अलावा और भी माध्यम हैं। अतिरिक्त रन भी एक माध्यम है जिससे क्रिकेट में रन बनते हैं। अतिरिक्त रन वे रन होते हैं जो बल्लेबाज़ द्वारा सीधे नहीं बनाए जाते हैं, बल्कि गेंदबाज़ी टीम की गलतियों या बल्लेबाज़ी टीम के भाग्य के कारण बनते हैं। इनमें से सबसे आम प्रकार लेग बाई हैं।
आइए इस लेख में, हम विस्तार से जानते हैं कि लेग बाई के नियमों और स्कोरिंग प्रणाली एवं लेग बाई कब बनते हैं, कब नहीं बनते हैं, और कैसे स्कोर किए जाते हैं।
लेग बाई क्या होते हैं?
लेग बाई क्रिकेट में एक प्रकार का अतिरिक्त रन है। यह तब बनता है जब गेंद बल्लेबाज़ के शरीर या सुरक्षा उपकरणों से टकराती है, लेकिन गेंद और बल्ले में सम्बन्ध नहीं हो पाता। सरल शब्दों में, जब गेंद बल्लेबाज़ के शरीर से टकराकर रन बनाती है, तो उन्हें लेग बाई कहा जाता है। आईसीसी की नियमावली 23.1 के अनुसार – यदि गेंदबाज़ द्वारा फेंकी गई गेंद, वाइड न होते हुए, स्ट्राइकर के बल्ले या व्यक्ति को छुए बिना पार कर जाती है, तो उस डिलीवरी से बल्लेबाजों द्वारा पूरा किया गया कोई भी रन, या सीमा भत्ता, बल्लेबाजी पक्ष को बाय के रूप में जमा किया जाएगा। . इसके अतिरिक्त, यदि डिलीवरी नो बॉल है, तो ऐसी डिलीवरी के लिए एक रन का जुर्माना लगाया जाएगा।
उदाहरण के लिए, यदि बल्लेबाज़ गेंद को मारने के लिए स्विंग करता है और गेंद उसके पैर से टकरा जाती है, तो यह एक लेग बाई होगा। वहीं यदि गेंदबाज़ बाउन्सर फेंकता है और गेंद बल्लेबाज़ के हेलमेट से टकरा जाती है, तो यह एक लेग बाई होगा।
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लेग बाई कैसे बनते हैं?
क्रिकेट में रन बनाने के कई तरीके हैं, और उनमें से एक है लेग बाई। यह रन तब बनता है जब गेंद बल्लेबाज़ के शरीर या सुरक्षात्मक गियर से टकराती है, और बल्लेबाज़ बिना गेंद को मारे दौड़ता है। आइए देखते हैं कि लेग बाई कैसे बनते हैं:
गेंद बल्लेबाज़ के शरीर या सुरक्षात्मक गियर से टकराना चाहिए
लेग बाई रन तभी बनता है जब गेंद बल्लेबाज़ के शरीर या सुरक्षात्मक गियर से टकराती है। यदि गेंद बल्ले से टकराती है, तो यह लेग बाई नहीं होगा। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि लेग बाई का उद्देश्य बल्लेबाज़ को गेंद से बचने के लिए दंडित करना है। यदि बल्लेबाज़ गेंद को बल्ले से मारने का प्रयास करता है और गेंद गलती से उसके शरीर से टकरा जाती है, तो यह लेग बाई होगा। लेकिन यदि बल्लेबाज़ गेंद को बल्ले से मारने का कोई प्रयास नहीं करता है और गेंद उसके शरीर से टकरा जाती है, तो यह लेग बाई नहीं होगा। यह नियम बल्लेबाज़ों को गेंद से बचने के लिए प्रोत्साहित करता है और खेल को अधिक रोमांचक बनाता है।
बल्लेबाज़ को गेंद को मारने का प्रयास नहीं करना चाहिए
यह सच है कि लेग बाई रन बनने के लिए बल्लेबाज़ को गेंद को मारने का प्रयास नहीं करना चाहिए। यदि बल्लेबाज़ गेंद को मारने का प्रयास करता है, तो उसे लेग बाई नहीं दिया जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि लेग बाई का उद्देश्य बल्लेबाज़ को गेंद से होने वाली चोट से बचाना है। यदि बल्लेबाज़ गेंद को मारने का प्रयास करता है, तो वह जानबूझकर गेंद को अपने शरीर से टकराने का जोखिम उठा रहा होता है, और यह चोट का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यदि बल्लेबाज़ गेंद को मारने का प्रयास करता है, तो यह क्षेत्ररक्षकों के लिए गेंद को रोकना और बल्लेबाज़ को आउट करना आसान बना देगा। इसलिए, यदि आप लेग बाई रन बनाना चाहते हैं, तो आपको गेंद को मारने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
बल्लेबाज़ को रन बनाने का प्रयास करना चाहिए
बल्लेबाज़ को रन बनाने के लिए दौड़ना ज़रूरी है। यदि बल्लेबाज़ दौड़ने का प्रयास नहीं करता है, तो लेग बाई नहीं होगा। यह इसलिए है क्योंकि लेग बाई रन तब बनते हैं जब गेंद बल्लेबाज़ के शरीर या सुरक्षात्मक गियर को छूती है और बल्लेबाज़ रन बनाने के लिए दौड़ता है। अंपायर यह भी देखते हैं कि बल्लेबाज़ ने गेंद को जानबूझकर अपने शरीर से छुआ है या नहीं। यदि बल्लेबाज़ विकेट के सामने गेंद को शरीर से या पैर से रोकने की कोशिश करता है तो उसे आउट करार दिया जायेगा।
लेग बाई कब नहीं दिए जाते हैं?
कुछ निम्नलिखित परिस्थितियां ऐसी भी हैं जिनमें लेग बाई नहीं दिए जाते हैं, भले ही गेंद बल्लेबाज़ के शरीर से टकरा जाए:
जानबूझकर गेंद को हाथ से लगवाना
यदि बल्लेबाज़ जानबूझकर गेंद को अपने उस हाथ से लगने दे देता है जो बल्ला नहीं पकड़ रहा है, तो उसे “आउट” दिया जा सकता है और लेग बाई नहीं होगा।
दस्ताने से टकराना
यदि गेंद बल्लेबाज़ के दस्तानों (जिन्हें बल्ले का हिस्सा माना जाता है) से टकराती है, तो लेग बाई नहीं होगा।
रन बनाने का प्रयास नहीं करना
यदि बल्लेबाज़ रन बनाने का प्रयास नहीं करता है, तो लेग बाई नहीं होगा।
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लेग बाई कैसे स्कोर किए जाते हैं?
जब गेंद बल्लेबाज़ के शरीर या सुरक्षात्मक गियर को छूती है, और बल्लेबाज़ रन बनाने के लिए दौड़ता है। यह एक महत्वपूर्ण रन-स्कोरिंग तरीका है, और इसकी जानकारी सभी क्रिकेट प्रेमियों के लिए आवश्यक है। आइए जानते हैं कि लेग बाई कैसे स्कोर किए जाते हैं:
- गेंद को बल्लेबाज़ के शरीर या सुरक्षात्मक गियर को छूना चाहिए। यदि गेंद केवल बल्ले को छूती है, तो यह लेग बाई नहीं होगा।
- बल्लेबाज़ को रन बनाने के लिए दौड़ना चाहिए। यदि बल्लेबाज़ दौड़ता नहीं है, तो कोई रन नहीं होगा।
- गेंद को जानबूझकर शरीर से नहीं छुआ जाना चाहिए। यदि अंपायर को लगता है कि बल्लेबाज़ ने जानबूझकर गेंद को अपने शरीर से छुआ है, तो उसे “लेग बिफोर विकेट” (एलबीडब्ल्यू) आउट दिया जा सकता है।
- यदि गेंद बल्लेबाज़ के हाथों से लगती है और फिर उसके शरीर या सुरक्षात्मक गियर को छूती है, तो यह लेग बाई नहीं होगा।
- यदि गेंद बल्लेबाज़ के विकेट को छूती है और फिर उसके शरीर या सुरक्षात्मक गियर को छूती है, तो यह लेग बाई नहीं होगा।
- लेग बाई रन बल्लेबाज़ी टीम के स्कोर में जुड़ जाते हैं, लेकिन बल्लेबाज़ के व्यक्तिगत स्कोर या गेंदबाज़ के खिलाफ रन में नहीं।
- यदि गेंद बल्लेबाज़ के शरीर से लगकर सीधे बाउंड्री के पार चली जाती है, तो बल्लेबाज़ी टीम को चार लेग बाई मिलते हैं।
अंत में
लेग बाई रन क्रिकेट में रन बनाने का एक महत्वपूर्ण और ट्रिकी तरीका है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि लेग बाई कैसे बनते हैं, ताकि आप खेल का आनंद उठा सकें और रन-स्कोरिंग को फॉलो कर सकें। लेग बाई रन केवल बल्लेबाज़ी टीम के स्कोर में जुड़ते हैं, बल्लेबाज़ के व्यक्तिगत स्कोर या गेंदबाज़ के खिलाफ रन में नहीं। यदि गेंद बल्लेबाज़ के शरीर से लगकर सीधे बाउंड्री के पार चली जाती है, तो बल्लेबाज़ी टीम को चार लेग बाई मिलते हैं। लेग बाई रन के बारे में यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लेग बाई रन हमेशा आसान नहीं होते हैं। गेंद को बल्लेबाज़ के शरीर से लगने के लिए सही जगह और गति से आना चाहिए, और बल्लेबाज़ को रन बनाने के लिए तेज़ी से दौड़ना चाहिए।
लेग बाई रन क्रिकेट में एक रोमांचक और महत्वपूर्ण रन-स्कोरिंग तरीका है। यह खेल में एक अनिश्चितता का तत्व जोड़ता है और दर्शकों के लिए रोमांच पैदा करता है।