कबड्डी, भारत का प्राचीन खेल, जो अपनी रोमांच, रणनीति और दमखम के लिए जाना जाता है, ने अनेक महान खिलाड़ियों को जन्म दिया है। ये कबड्डी खिलाड़ी न सिर्फ अपनी प्रतिभा और कौशल से खेल को ऊंचाइयों तक ले गए हैं, बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का श्रोत हैं। इनमें से कुछ खिलाड़ी अनुभवी हैं, जिन्होंने खेल को विकसित होते हुए देखा है, तो कुछ युवा सितारे हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा से खेल को नई दिशा दी है।
आइए इस लेख में, Fun88 के साथ उन 10 शीर्ष कबड्डी खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा और कौशल से कबड्डी गेम को एक नया आयाम दिया है।
भारत और विदेशों के सर्वश्रेष्ठ 10 कबड्डी खिलाड़ी की लिस्ट
प्रदीप नरवाल
प्रदीप नरवाल, जिन्हें “डुबकी किंग” के नाम से भी जाना जाता है, कबड्डी के इतिहास में सबसे महान खिलाड़ियों में से एक हैं। नरवाल ने अपनी आक्रामक छापेमारी और शानदार डुबकी तकनीक के दम पर कई रिकॉर्ड बनाए हैं।
नरवाल 1,600 से अधिक अंक, 800 से अधिक सफल छापे और 60 से अधिक सुपर 10 के साथ पीकेएल इतिहास में सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने 2 बार एमवीपी पुरस्कार भी जीता है।
नरवाल अपनी आक्रामक छापेमारी और शानदार डबकी तकनीक के लिए जाने जाते हैं। वह अपनी रणनीतिक योजना और मैच के दौरान अपनी रणनीति बदलने की क्षमता के लिए भी जाने जाते हैं।
मंजीत छिल्लर
मंजीत छिल्लर, कबड्डी के मैदान के जादूगर और वर्तमान में तेलुगु टाइटंस के सहायक कोच, एक ऐसा नाम जिसने खेल में अपना लोहा मनवाया है। 2014 एशियाई खेलों और 2014 एशियाई इंडोर खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले इस ऑलराउंडर ने अपना जादू पूरे कबड्डी जगत पर बिखेर रखा है। बेंगलुरु बुल्स, पुणेरी पलटन, जयपुर पिंक पैंथर्स, तमिल थलाइवाज और दबंग दिल्ली के साथ प्रो कबड्डी लीग में धमाल मचाने वाले मंजीत को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए भारत सरकार ने अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया है।
मंजीत का सफर 2010 एशियाई खेलों के साथ शुरू हुआ, जहां उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। मंजीत अपनी प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं, जो रक्षा और आक्रमण दोनों में धमाल मचा सकते हैं।
राहुल चौधरी
भारतीय कबड्डी लीग के जयपुर पिंक पैंथर्स में धूम मचाने वाले राहुल चौधरी का जन्म 16 जून 1993 को उत्तर प्रदेश के जलालपुर चोईया में हुआ था। 13 साल की उम्र में कबड्डी का सफर शुरू करने वाले राहुल ने सीजन 1 में तेलुगु टाइटन्स के लिए अपना प्रो कबड्डी लीग डेब्यू किया। राहुल एक बहुमुखी कबड्डी खिलाड़ी हैं, जो रेडर और डिफेंडर दोनों के रूप में खेलते हैं। लेकिन उन्हें अपने धावाकूल रेडिंग कौशल के लिए जाना जाता है। वह बेहद फुर्तीले और तेज रेडर हैं, जो मुश्किल कोणों से भी अंक बटोरने में माहिर हैं। एक कुशल टैकलर के रूप में भी उनकी प्रतिभा अक्सर मैच के अंतिम मिनटों में काम आती है।
अनुप कुमार
कबड्डी जगत में “कबड्डी के भगवान” के नाम से मशहूर अनुप कुमार, हरियाणा के शाहबाद मरकंडा के रहने वाले हैं। बचपन में ही कबड्डी से उनका नाता जुड़ गया और जल्द ही वो चमकते सितारे बन गए। 2006 में श्रीलंका के दक्षिण एशियाई खेलों में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया और टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
2009 में अनूप ने भारतीय राष्ट्रीय कबड्डी टीम की कमान संभाली और फिर सफलता का सिलसिला शुरू हुआ। उनकी कप्तानी में भारत ने 2010 और 2014 के एशियाई खेलों, 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों और 2016 के कबड्डी विश्व कप में जीत हासिल की। इसके अलावा, प्रो कबड्डी लीग में भी उनकी टीम दो बार चैंपियन बनी।
अनूप, बोनस पॉइंट्स लेने और कुशल हैंड और टो टच के लिए जाने जाते थे। उनके खेल ने लाखों युवाओं को प्रेरित किया। खेल में योगदान के लिए 2012 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्तमान में वे हरियाणा पुलिस में उप पुलिस आयुक्त हैं और प्रो कबड्डी लीग की पुणेरी पलटन टीम के कोच भी हैं।
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संदीप नरवाल
कबड्डी जैसे रोमांचकारी खेल के लिए मानो संदीप नरवाल बने ही थे। आठ साल की उम्र से ही कबड्डी खेलना शुरू करने वाले संदीप के पिता स्वयं ओम प्रकाश नरवाल राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी थे और एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। पिता का मार्गदर्शन और जुनून विरासत में मिला और संदीप ने लगातार कड़ी मेहनत और शानदार प्रदर्शन के दम पर जूनियर स्तर पर कई ट्रॉफियां जीतीं।
जिंदगी में सही राह दिखाने वाले जगदीश नरवाल ने संदीप को शुरुआती दिनों में प्रशिक्षित किया और उनकी प्रतिभा को निखारा। हरियाणा राज्य टीम और उसके बाद स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ जुड़ने के बाद संदीप को कोच जयवीर शर्मा का अमूल्य मार्गदर्शन मिला। प्रो कबड्डी लीग में अपने पहले तीन सीज़न (पटना पाइरेट्स) में, संदीप ने शानदार प्रदर्शन किया। दूसरे सीज़न में कप्तान के रूप में सेमीफाइनल तक पहुंचे और तीसरे सीज़न में 53 टैकल के साथ सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर का पुरस्कार जीता।
मेराज शेख
मेराज शेख, ईरान के रहने वाले एक शानदार ऑल-राउंडर खिलाड़ी हैं, जो वर्तमान में प्रो कबड्डी लीग में दिल्ली दबंग के.सी. के लिए खेलते हैं। उन्हें “चीता” या “जादुई मेराज” के नाम से भी जाना जाता है। 12 साल की छोटी सी उम्र में ही मेराज ने कबड्डी खेलना शुरू कर दिया था। उनके गृहनगर में कबड्डी काफी लोकप्रिय है और उनका मानना है कि कम उम्र में ही इस खेल से जुड़ना उनके और दूसरे भारतीय शीर्ष कबड्डी खिलाड़ियों के बीच एक समानता है।
2015 पीकेएल में, उन्हें तेलुगु टाइटन्स की कप्तानी सौंपी गई, जो उन्हें लीग में टीम की कप्तानी करने वाले पहले विदेशी खिलाड़ी बनाता है। मेराज की कप्तानी और नेतृत्व पूरे लीग में प्रभावशाली रहा है।
मेराज शेख की कहानी कड़ी मेहनत, जुनून और कौशल का एक शानदार उदाहरण है। उन्होंने न केवल अपने खेल से बल्कि अपने नेतृत्व से भी कबड्डी जगत में अपनी पहचान बनाई है। यह निश्चित है कि भविष्य में भी वह कबड्डी प्रेमियों का मनोरंजन करते रहेंगे।
नितिन तोमारू
नितिन तोमारू, जिन्हें प्यार से “टॉम-टॉम” कहा जाता है, महान खिलाड़ियों में से एक हैं। वह पीकेएल के एक चैंपियन और दो बार के एमवीपी पुरस्कार विजेता भी है, जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीता है।
2016 में पुणेरी पलटन के साथ पीकेएल का खिताब जीतने के बाद तोमारू सुर्खियों में आए। उन्होंने न केवल शानदार छापे मारे, बल्कि मैदान पर अपनी बुद्धिमत्ता और रणनीतिक दिमाग का भी लोहा मनवाया। उनकी गति और चपलता विपक्षियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।
निस्संदेह, नितिन तोमारू पीकेएल इतिहास के सबसे प्रभावशाली कबड्डी खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी गति, रणनीति, और नेतृत्व कौशल ने उन्हें लीग में एक दिग्गज बना दिया है। वह युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं और आने वाले वर्षों में भी उनका शानदार प्रदर्शन जारी रहने की उम्मीद है।
रोहित कुमार
कबड्डी के मैदान पर रोहित कुमार, जिन्हें उनके प्रशंसक प्यार से “रोहित द किंग” कहकर बुलाते हैं। 2014 में शुरू हुई प्रो कबड्डी लीग (PKL) के शुरुआत से ही रोहित इस रोमांचक खेल का अभिन्न अंग रहे हैं। रोहित कुमार ने शुरू से ही अपनी आक्रामक छापेमारी और अचूक रेडिंग कौशल से सबका ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने PKL के लिए बेंगलुरु बुल्स से डेब्यू किया और टीम को 2014 और 2016 सीज़न में चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने दोनों ही सीज़न में MVP का पुरस्कार हासिल किया। 2019 में वो तेलुगु टाइटन्स में शामिल हुए और टीम को अपना तीसरा MVP ट्रॉफी दिलाया। उनका शानदार प्रदर्शन भारत की राष्ट्रीय टीम को 2016 कबड्डी विश्व कप जीतने में भी सहायक रहा।
रोहित अपने शांतचित्त स्वभाव और खेल पर गहरी पकड़ के लिए जाने जाते हैं। वह चालाक रेड्स लगाने में माहिर हैं और अक्सर विपरीत परिस्थितियों में भी अंक बटोर लेते हैं। उन्हें कभी हार नहीं मानने वाले खिलाड़ी के रूप में भी जाना जाता है। 2022 PKL फाइनल में उन्होंने पुणेरी पलटन के खिलाफ 15 अंकों का शानदार रेड किया था, जिसने उनकी टीम को जीत दिलाई और उन्हें चौथी बार MVP का खिताब दिलाया।
जंग कुन ली
जंग कुन ली, साल 1992 में दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में जन्मे, पेशेवर कबड्डी खिलाड़ी हैं। 2019 सीजन में उन्हें पटना पाइरेट्स ने ₹40 लाख की रकम देकर अपनी टीम में खरीदा था। उनका आक्रामक खेल उनके मिश्रित कौशल का नतीजा है।
18 साल की उम्र में, ली कॉलेज में शारीरिक शिक्षा का अध्ययन कर रहे थे। तभी उनकी कबड्डी में रुचि पैदा हुई। बाद में वह दक्षिण कोरियाई राष्ट्रीय कबड्डी टीम में शामिल हो गए। 2013 एशियाई इंडोर और मार्शल आर्ट्स खेलों में राष्ट्रीय टीम के साथ कांस्य पदक जीतकर उन्होंने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की।
2014 में, ली ने प्रो कबड्डी लीग के उद्घाटन सीजन में बंगाल वॉरियर्स के लिए पदार्पण किया। उन्होंने उसी वर्ष अपने देश में आयोजित एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता और 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। जंग कुन ली निस्संदेह कबड्डी के इतिहास में एक उल्लेखनीय खिलाड़ी हैं। उनका अनूठा खेल और लगन उन्हें भविष्य में और भी ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
अजय ठाकुर
अजय ठाकुर, जिन्हें प्यार से “कबड्डी का राजा” कहा जाता है एक शीर्ष कबड्डी खिलाड़ी है जो इस सूची में शामिल होने के लिए एक योग्य दावेदार हैं। वह अनुभव का भंडार और लगातार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने बेंगलुरु बुल्स, पुणेरी पलटन, तमिल थलाइवा और वर्तमान में दबंग दिल्ली के.सी. का प्रतिनिधित्व किया है, जिससे हर टीम में अपनी छाप छोड़ी है।
उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में कप्तान के रूप में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। पीकेएल में, उनके नाम 800 से अधिक अंक और 110 से अधिक मैच दर्ज हैं, जो उनके अनुभव और क्षमता का प्रमाण है।
ठाकुर की खेल शैली उनकी निरंतरता और शांतचित्त स्वभाव को दर्शाती है। वह रणनीतिक छापेमारी के लिए जाने जाते हैं, अक्सर विपक्षी को चौंका देते हैं और महत्वपूर्ण अंक हासिल करते हैं।
निष्कर्ष
इस लेख में, हमने महान कबड्डी खिलाड़ियों के बारे में जाना है, जिन्होंने इस रोमांचक खेल को एक अलग पहचान दी है। इनके शानदार छापों, अविश्वसनीय बचावों और प्रेरणादायक नेतृत्व क्षमताओं ने कबड्डी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है। यह कबड्डी खिलाड़ियों की सूची निश्चित नहीं है, और कबड्डी के इतिहास में कई अन्य महान खिलाड़ी हैं जिनका उल्लेख किया जा सकता है। लेकिन उम्मीद है, इसने आपको कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों से परिचित कराया है।