आईपीएल मैच में फिक्सिंग? जानें इसके पीछे की सचाई

Ashish

आईपीएल मैच फिक्सिंग
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भारतीय प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया के सबसे लोकप्रिय क्रिकेट टूर्नामेंटों में से एक है। यह टूर्नामेंट अपनी रोमांचक क्रिकेट, चमचमाते सितारों और भारी-भरकम मनोरंजन के लिए जाना जाता है। लेकिन, आईपीएल विवादों से अछूता नहीं रहा है। मैच फिक्सिंग का मुद्दा इस टूर्नामेंट से जुड़ा हुआ है, और यह कई बार सवालों के घेरे में आ चूका है। इस लेख में, हम आईपीएल में मैच फिक्सिंग के दावों के बारे में जानेंगे व इस मुद्दे के इतिहास, विभिन्न आरोपों, और सबूतों की कमी पर नज़र डालेंगे।

मैच फिक्सिंग क्या है?

मैच फिक्सिंग एक धोखाधड़ी का तरीका है जिसमें खेल के परिणाम को पहले से निश्चित कर दिया जाता है। यह खिलाड़ियों, टीमों, या अन्य व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से किया जाता है जो सट्टेबाजी से लाभ उठाना चाहते हैं। मैच फिक्सिंग तब होती है जब एक टीम जानबूझकर टॉस हारती है ताकि वे पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी कर सकें, जो उन्हें मैच जीतने का अनुचित लाभ दे सकता है। या यह तब भी होती है जब एक टीम जानबूझकर कम रन बनाती है या रन रेट को नियंत्रित करती है ताकि सट्टेबाजों के लिए अनुकूल परिणाम बनाया जा सके। या फिर यह तब भी हो सकती है जब एक टीम जानबूझकर मैच हारती है ताकि सट्टेबाजों के लिए अनुकूल परिणाम बनाया जा सके।

मैच फिक्सिंग खेल की भावना को नष्ट कर देता है और दर्शकों के विश्वास को कम करता है। इसमें शामिल खिलाड़ियों को प्रतिबंधित किया जा सकता है और उनका करियर बर्बाद हो सकता है, क्योंकि यह खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है और प्रायोजकों और दर्शकों को दूर कर सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मैच फिक्सिंग एक गंभीर अपराध है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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आईपीएल में मैच फिक्सिंग के आरोप

आईपीएल अपने शुरुआती वर्षों से ही मैच फिक्सिंग के आरोपों से घिरा रहा है। 2013 में स्पॉट फिक्सिंग कांड ने पूरे क्रिकेट जगत को हिला दिया था, जिसमें राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ी शामिल थे। इसके अलावा, कई अन्य मैचों में भी फिक्सिंग के आरोप लगे हैं। आइए आईपीएल में निम्नलिखित मैच फिक्सिंग के आरोपों पर व टीम एवं खिलाड़ियों द्वारा उन आरोपों के खंडन नजर डालते हैं:

  • 2008: राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी शेन वॉटसन पर मैच फिक्सिंग का आरोप
  • आरोप: 2008 में, राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी शेन वॉटसन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था। आरोप था कि उन्होंने एक मैच में जानबूझकर कम रन बनाए थे। वॉटसन पर आरोप था कि उन्हें एक बुकी से रु. 1.5 करोड़ मिले थे, और उन्होंने मैच में 10 रन से कम बनाने के लिए सहमति व्यक्त की थी।
  • आरोप का खंडन: वॉटसन ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने कभी भी मैच फिक्सिंग में शामिल नहीं होने की कसम खाई थी। 
  • परिणाम: अदालत ने वॉटसन को बरी करके उन्हें निर्दोष घोषित कर दिया। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वॉटसन पर लगे आरोप कभी भी साबित नहीं हुए थे।
  • 2010: दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाड़ी मोंटी पनेसर पर मैच फिक्सिंग का आरोप
  • आरोप: 2010 में, दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाड़ी मोंटी पनेसर पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था। आरोप था कि उन्होंने एक मैच में जानबूझकर कम विकेट लिए थे। पनेसर पर आरोप था कि उन्हें एक बुकी से रु. 50 लाख मिले थे, और उन्होंने मैच में 2 से अधिक विकेट नहीं लेने के लिए सहमति व्यक्त की थी।
  • आरोप का खंडन: पनेसर ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने कभी भी मैच फिक्सिंग में शामिल नहीं होने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा कि उनका प्रदर्शन खराब फॉर्म के कारण था, और उन्होंने जानबूझकर कम विकेट नहीं लिए थे।
  • परिणाम: पनेसर को दिल्ली डेयरडेविल्स ने टीम से बाहर कर दिया था, लेकिन उन्हें बीसीसीआई द्वारा कोई सजा नहीं दी गई क्योंकि पनेसर पर लगे आरोप कभी साबित ही नहीं हुए।
  • 2012: लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाड़ी अल्बी मॉर्कल पर मैच फिक्सिंग का आरोप
  • आरोप: 2012 में, लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाड़ी अल्बी मॉर्कल पर एक मैच में जानबूझकर रन कम बनाने का आरोप लगा था। आरोप लगाया गया था कि मॉर्कल ने एक सट्टेबाज के साथ मिलकर रन बनाने की गति धीमी कर दी थी ताकि सट्टेबाजों को फायदा हो सके।
  • आरोप का खंडन: मॉर्कल ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने जानबूझकर कोई रन कम नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि वह मैच में चोट के कारण धीमी गति से खेल रहे थे।
  • परिणाम: बीसीसीआई ने मॉर्कल पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया और उन्हें आईपीएल में खेलने की अनुमति दी। हालांकि, इस घटना ने आईपीएल में मैच फिक्सिंग के बारे में चिंताओं को बढ़ा दिया।
  • 2013: स्पॉट फिक्सिंग कांड
  • आरोप: 2013 में, राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों – एस. श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला – पर स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा था। आरोप था कि उन्होंने सट्टेबाजों के साथ मिलकर मैच के कुछ पहलुओं को निश्चित किया, जैसे कि कितने रन बनेंगे या कौन विकेट लेगा।
  • आरोप का खंडन: सभी तीनों खिलाड़ियों ने आरोपों का खंडन किया। श्रीसंत ने कहा कि उन्हें फंसाया गया है, जबकि चव्हाण और चंदीला ने कहा कि उन्हें पैसे लेने के लिए मजबूर किया गया था।
  • परिणाम: दिल्ली पुलिस ने इन तीनों खिलाड़ियों को गिरफ्तार किया, जिसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें आजीवन प्रतिबंधित कर दिया। राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स को दो साल के लिए आईपीएल से निलंबित कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने बाद में श्रीसंत के प्रतिबंध को हटा दिया, लेकिन चंदीला और चव्हाण पर प्रतिबंध बरकरार रहा। इस कांड का आईपीएल पर गहरा प्रभाव पड़ा और क्रिकेट प्रशंसकों के बीच विश्वास में कमी आई।
  • 2016: चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच में फिक्सिंग के आरोप
  • आरोप: 2016 में आईपीएल के दौरान, चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेले गए एक मैच में फिक्सिंग के आरोप लगे थे। आरोप था कि चेन्नई सुपर किंग्स के एक अधिकारी ने राजस्थान रॉयल्स के कुछ खिलाड़ियों को पैसे देकर मैच हारने के लिए प्रेरित किया था।
  • आरोप का खंडन: चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स दोनों ने इन आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने कहा कि मैच पूरी तरह से निष्पक्ष था और किसी भी तरह की फिक्सिंग नहीं हुई थी।
  • परिणाम: बीसीसीआई ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने पाया कि चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारी ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ियों को पैसे देने की कोशिश की थी। इसके परिणामस्वरूप, चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल 2016 और 2017 से निलंबित कर दिया गया था। चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारी को भी आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था।
  • 2017: दिल्ली डेयरडेविल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच मैच में फिक्सिंग के आरोप
  • आरोप: 2017 में, दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच मैच में फिक्सिंग के आरोप लगे थे। मुख्य आरोप यह था कि दिल्ली के कुछ खिलाड़ियों ने जानबूझकर खराब प्रदर्शन किया ताकि बेंगलुरु मैच जीत सके।
  • आरोप का खंडन: दिल्ली डेयरडेविल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु दोनों ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि मैच में कोई फिक्सिंग नहीं हुई थी और खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।
  • परिणाम: बीसीसीआई ने इस मामले की जांच की और कोई सबूत नहीं पाया। इसलिए, किसी भी खिलाड़ी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
  • 2019: सनराइजर्स हैदराबाद और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच में फिक्सिंग के आरोप
  • आरोप: 2019 में, सनराइजर्स हैदराबाद और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेले गए एक मैच में फिक्सिंग के आरोप लगे थे। इस में मुख्य आरोप कुछ इस प्रकार थे:
  • असामान्य बेटिंग पैटर्न: मैच के दौरान असामान्य बेटिंग गतिविधि देखी गई थी, जिसके कारण मैच फिक्सिंग की आशंका जताई गई थी।
  • खिलाड़ियों का अप्राकृतिक प्रदर्शन: कुछ खिलाड़ियों ने मैच में अजीबोगरीब प्रदर्शन किया, जिससे लोगों को फिक्सिंग का शक हुआ।
  • आरोप का खंडन: दोनों टीमों और बीसीसीआई ने इन आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने कहा कि मैच फिक्सिंग का कोई सबूत नहीं है और सभी खिलाड़ी ईमानदारी से खेल रहे थे।
  • परिणाम: सीबीआई ने इस मामले की जांच की और पाया कि मैच फिक्सिंग का कोई सबूत नहीं है। हालांकि, जांच में कुछ अनियमितताएं भी पाई गईं, जिसके कारण कुछ खिलाड़ियों और टीमों पर जुर्माना लगाया गया।
  • 2020: किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच में फिक्सिंग के आरोप
  • आरोप: 2020 में, किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स के बीच एक मैच में फिक्सिंग के आरोप लगे थे। मुख्य आरोप यह था कि आरआर के कुछ खिलाड़ियों ने जानबूझकर खराब प्रदर्शन किया ताकि केएक्सआईपी मैच जीत सके।
  • आरोप का खंडन: दोनों टीमों और बीसीसीआई ने इन आरोपों का खंडन किया। बीसीसीआई ने कहा कि उसके पास मैच फिक्सिंग के कोई सबूत नहीं हैं।
  • परिणाम: बीसीसीआई ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मैच फिक्सिंग के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
  • 2021: मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच मैच में फिक्सिंग के आरोप:
  • आरोप: 2021 में आईपीएल के दौरान, मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच एक मैच में फिक्सिंग के आरोप लगे थे। कुछ लोगों ने दावा किया कि मैच का परिणाम पहले से तय था और कुछ खिलाड़ियों ने जानबूझकर खराब प्रदर्शन किया था।
  • आरोप का खंडन: दोनों टीमों और बीसीसीआई ने इन आरोपों का कड़ा खंडन किया। उन्होंने कहा कि मैच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से खेला गया था और किसी भी तरह की फिक्सिंग का कोई सबूत नहीं है।
  • परिणाम: बीसीसीआई ने इस मामले की जांच के लिए एक एंटी-करप्शन यूनिट (एसीयू) का गठन किया। एसीयू ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्हें फिक्सिंग के कोई सबूत नहीं मिले।
  • 2023: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मैच में फिक्सिंग के आरोप
  • आरोप: 2023 आईपीएल के दौरान रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मैच में फिक्सिंग के आरोप लगे थे। आरोपों में कहा गया था कि दिल्ली कैपिटल्स के एक खिलाड़ी को मैच हारने के लिए पैसे दिए गए थे। यह भी आरोप लगाया गया था कि कुछ सट्टेबाजों ने मैच के परिणाम को प्रभावित करने के लिए पैसे लगाए थे।
  • आरोप का खंडन: दोनों टीमों और बीसीसीआई ने इन आरोपों का खंडन किया था। बीसीसीआई ने कहा कि उसके पास मैच फिक्सिंग के कोई सबूत नहीं हैं। दिल्ली कैपिटल्स ने कहा कि उसका खिलाड़ी निर्दोष है और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं।
  • परिणाम: बीसीसीआई ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसे मैच फिक्सिंग के कोई सबूत नहीं मिले हैं। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ी को भी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इनमें से कई आरोपों को साबित नहीं किया गया है।

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निष्कर्ष

आईपीएल मैच फिक्सिंग एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन आरोपों को साबित करने के लिए ठोस सबूतों की जरूरत होती है। सट्टेबाजी और असामान्य पैटर्न संदेह पैदा कर सकते हैं, लेकिन वे हमेशा फिक्सिंग का संकेत नहीं होते। बीसीसीआई मैच फिक्सिंग रोकने के लिए हर संभव प्रयाश करती है। तो क्यों न हम भी अपने पसंदीदा टीम्स को सपोर्ट करें और इस आईपीएल को और यादगार बना दें।

About the author

Ashish

आशीष के पास 3 वर्षों से अधिक का कंटेंट एनालिस्ट के रूप में Fun88 में शामिल हुईं। वह एक अनुभवी सामग्री लेखक हैं जो ऑनलाइन गेमिंग जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हैं। गुजरते वर्षों में, उन्होंने गेमिंग की दुनिया में खोजना जारी रखा और अपने गेमिंग ज्ञान को शब्दों में पिरोना शुरू किया। फ़न88 में, उन्हें कैसीनो गेमिंग सामग्री का मुख्य रूप से लेखन करने का शौक है, जो इच्छुक पाठकों को उनकी गेमिंग यात्रा को नेविगेट करने और उसमें सफलता प्राप्त करने के लिए साहस और आत्मविश्वास के साथ प्रेरित करता है। उनकी उदार रचनाएँ व्यक्तिगत अनुभव का परिचायक करती हैं, जो ऑनलाइन कैसीनो खेलों और कार्ड खेलों की दुनिया को एक नए दृष्टिकोण से दिखाती हैं।